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[Hindi] - Bagh Ka Panja - Malgudi Days by R. K. Narayan: बाघ का पंजा - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"Bagh Ka Panja - Malgudi Days by R. K. Narayan - बाघ का पंजा - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 'यह कहानी एक बातूनी आदमी और एक बाघ की कहानी है। कुछ शिकारी एक मरे हुए बाघ को शहर लेकर आते हैं, और कुछ बच्चों को उसकी कहानी सुनाते हैं। जब वह बातूनी आदमी एक फर्टिलाइज़र सेल्समैन था, तब वह एक बार रात में एक छोटे से गाँव के ट्रेन स्टेशन में रुका था। उसने सोने से पहले स्टेशन का दरवाज़ा खुला ही छोड़ा था क्योंकि वहां बहुत गर्मी थी। बीच रात वहां अचानक से एक बाघ घुसा और उसने आदमी को जगाया। आदमी छपाक से उठकर फर्नीचर के पीछे जाकर छिप गया, जहां बाघ का सिर्फ एक पंजा पहुंच सकता था। बाघ के पीछे हटने से पहले आदमी चाकू से उसके पंजे की तीन उंगलियां काट देता है। शहर में, बच्चे बाघ का पंजा देखने की ज़िद करते हैं। निश्चित रूप से उसके पंजे की तीन उंगलियां गायब होती हैं। शिकारियों का कहना है कि कुछ आदिवासी बाघों के बच्चों को ले जाना और उनके पंजे की उंगलियाँ काटना शुभ मानते हैं। ' लेखक आर. के. नारायण“ मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
R. K. Narayan (Author), R. K. Narayan (Narrator)
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[Hindi] - Doctor Ke Shabd - Malgudi Days by R. K. Narayan: डॉक्टर के शब्द - मालगुडी डेज़ आर. के. नारा
"Doctor Ke Shabd - Malgudi Days by R. K. Narayan - डॉक्टर के शब्द - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 'डॉ रमन अपने मरीज़ के जीवन और मृत्यु से जुड़ी भविष्यवाणी करने के लिए प्रख्यात है। उनकी भविष्यवाणी कभी गलत साबित नहीं हुई है। लेकिन उन्हें एक अजीब भविष्यवाणी होती है जब वे दोस्त गोपाल के मृत्यु से जुड़ी भविष्यवाणी करते हैं। गोपाल जानना चाहता है कि वह कब तक जीवित रहनेवाला है क्योंकि उसे अपनी विल साइन करनी है। यदि इस विल पर उसकी साइन नहीं होगी, तो उसका परिवार सड़क पर आ जाएगा। लेकिन अगर डॉ रमन उसे साइन करने देते हैं, तो उसका मतलब है कि वे अपने दोस्त को उम्मीद की एक किरण भी नहीं दे रहे हैं। बहुत सोचने के बाद, डॉ रमन गोपाल से झूठ बोलने का फैसला लेते हैं। वह उसे कहते हैं उसे अभी डरने की ज़रूरत नहीं है और वह आगे अभी बहुत साल जीनेवाला है। लेकिन सर्जरी के बाद, गोपाल सच में पूरी तरह से ठीक हो जाता है और यह देख डॉ रमन आश्चर्यचकित रह जाते हैं।' लेखक आर. के. नारायण“ मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
R. K. Narayan (Author), R. K. Narayan (Narrator)
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[Hindi] - Jyotshi Ka Ak Din - Malgudi Days by R. K. Narayan: ज्योत्षी का एक दिन - मालगुडी डेज़ आर. के
"Jyotshi Ka Ak Din - Malgudi Days by R. K. Narayan - ज्योत्षी का एक दिन - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण 'एक शराबी और देहाती जमींदार एक साधारण किसान का लगातार शोषण करता था। यातना से परेशान किसान एक दिन अपने ज़मींदार को कुएं में धकेलकर, पकड़े जाने के डर से भाग जाता है। लेकिन जमींदार फिर भी बच जाता है क्योंकि कुआँ सूखा होता है। उसके बाद कई वर्षों तक वह किसान से बदला लेने के लिए तड़पता रहता है। फिर एक दिन, उसे एक प्रसिद्ध ज्योतिष के बारे में पता चलता है जो किसी भी चीज की भविष्यवाणी कर सकते हैं। ज्योतिषी में विश्वास ना रखते हुए भी, जमींदार अपने एक दोस्त के कहने पर उस ज्योतिष से मिलने जाता है। जमींदार दंग रह जाता है जब ज्योतिष उसे उसके और किसान के बीच हुई सारी घटना अपने आप सुनाता है। जब जमींदार उसे किसान के ठिकाने के बारे में पूछता है तो ज्योतिषी बताता है कि किसान की एक भयानक हादसे में मौत हो चुकी है और अब उसे उसको ढूंढना बंद कर देना चाहिए। जमींदार यह सुनकर खुश होता है। ज्योतिष इसके बाद जब घर लौटकर अपना सारा भेंस हटाता है, तो पता चलता है कि वह और कोई नहीं बल्कि खुद किसान है। वह इतने सालों से इसी ग़म में था कि उसने ज़मींदार की ह्त्या की थी। परन्तु जब उसने उसे जीवित देखा, तो राहत की सांस भरी, खुश हुआ।' लेखक आर. के. नारायण“मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
R. K. Narayan (Author), R. K. Narayan (Narrator)
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[Hindi] - Gatekeeper Ka Inam - Malgudi Days by R. K. Narayan: गेटकीपर का इनाम - मालगुडी डेज़ आर. के.
"Gatekeeper Ka Inam - Malgudi Days by R. K. Narayan - गेटकीपर का इनाम - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण“Gatekeeper Ka Inam” is a touching Hindi audiobook from R. K. Narayan’s classic Malgudi Days series. Follow the emotional journey of Govind Singh, a retired gatekeeper whose post-retirement life takes an unexpected turn. This beautifully narrated Hindi story explores themes of aging, creativity, anxiety, and the desire to be recognized. 'यह कहानी गेटकीपर गोविंद सिंह की है जिन्हें अपनी पच्चीस साल की नौकरी पूरी करने के बाद अब ऐसा लगता है की वे पागल हो चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद उनके लिए मुसीबतें तब बढ़ती हैं, जब वे अपने खाली समय में गुड़ियाँ और अलग-अलग जगहों के मॉडल बनाना शुरू करते हैं। जैसे- कोई बाज़ार, उनका पुराना दफ्तर इत्यादि। उनकी इस कला के लिए ऑफिस में उनकी बहुत सराहा होती है। वे अपनी कुछ कृतियाँ अपने जनरल मैनेजर को भेंट में भी देते हैं। उन्हें एक एम्प्लॉय से पता चलता है कि जनरल मैनेजर को ये कृतियाँ बहुत अच्छी लगती है। यह सुनकर गोविन्द बेहद ख़ुश होते हैं। गोविंद सिंह अपने ऑफिस का एक मॉडल बनाकर उन्हें भेंट करते हैं जिसके कुछ दिनों बाद उन्हें एक मेल आता है जिसे देखते ही वे घबरा जाते हैं। (इससे पहले भी उन्हें दो बार मेल मिले थे जिन्हे पढ़ने से पहले ही उन्हें घबराहट होती थी।' लेखक आर. के. नारायण“मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
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[Hindi] - Ak Rukhi Huyi Chitthi - Malgudi Days by R. K. Narayan: एक रूखी हुई चिट्ठी - मालगुडी डेज़ आर
"Ak Rukhi Huyi Chitthi - Malgudi Days by R. K. Narayan - एक रूखी हुई चिट्ठी - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण“Ek Rukhi Huyi Chitthi” is a heartfelt Hindi audiobook from R. K. Narayan’s iconic collection, Malgudi Days. This story revolves around a postman named Thannappa who puts others' happiness above his duty. Listen to this emotional Malgudi Days story in Hindi and explore the human side of responsibility, sacrifice, and love. 'एक रूखी हुई चिट्ठी' थनप्पा नामक एक डाकिये की कहानी है। वह अपने परिवार को अपने काम से अधिक महत्व देता है। वह 'विनायक मुदाली स्ट्रीट' के सभी लोगों से बहुत करीब है, खासकर रामानुजम और उसके परिवार से। थनप्पा जानता था कि रामानुजम अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित हैं। हालांकि रामानुजम के ससुर ने शादी के लिए rs.5000 की बचत की थी, लेकिन फिर भी उसे अपनी बेटी के लिए कोई योग्य वर नहीं मिल रहा था। थनप्पा ने दिल्ली में एक लड़का देख रखा था। लड़के का परिवार कामाक्षी से मिला और उनकी बात बन गयी। शुरुआत में रामानुजम को बहुत गुस्सा आया, लेकिन फिर उसने थानप्पा को माफ़ कर दिया क्योंकि उसका इरादा नेक था। ' लेखक आर. के. नारायण“ मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
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[Hindi] - Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan: कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan - कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण'यह कहानी एक ऐसे मूर्तिकार की है जो पाँच साल की महनत के बाद एक मूर्ति को पूरा कर पाता है। यह भगवान नटराज की मूर्ति है, जिन्हे हर कोई एक परिपूर्ण देवता मानता है। इसलिए उनकी मूर्ति भी ऐसी होनी चाहिए, जिसे देखते ही लोग उनकी आभा को महसूस कर सके। पुजारी मूर्तिकार से मूर्ति के एक अंगूठे को तोड़ने के लिए कहते हैं ताकि वह देखने पर सुरक्षित रहे, लेकिन मूर्तिकार ऐसा नहीं करता। बदले में पुजारी मंदिर में पूजा करने से मना कर देते हैं। मूर्तिकार अपने घर को ही एक मंदिर में बदल देता है ताकि वह वहां पर पूजा कर सके। यह देखकर भगवान खुद हर तरह की प्राकृतिक आपदा उत्पन्न कर इस क्षेत्र का नाश करते हैं। ऐसा होने पर क्षेत्र के कई निवासी मूर्तिकार से विनती करते हैं की वह सब की भलाई के लिए मूर्ति की पूर्णता को कुर्बान करे, पर वह ऐसा नहीं करता। वह खुद को भगवान् को समर्पित करने के लिए झील में डूबने के लिए निकलता ही है कि उसके घर पर एक पेड़ गिर जाता है। वह वापस आकर देखता है, तो मूर्ति के एक अंगूठे के अलावा और कुछ भी टूटता नहीं है। अब जाकर इस मूर्ति की स्थापना मंदिर में होती है और मूर्तिकार अपना व्यापार बंद कर देता है।“ लेखक आर. के. नारायण“मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
R. K. Narayan (Author), R. K. Narayan (Narrator)
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[Hindi] - Lauli Road - Malgudi Days by R. K. Narayan: लॉली रोड - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"Lauli Road - Malgudi Days by R. K. Narayan – लॉली रोड - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण “Lauli Road” is a humorous and satirical Hindi audiobook from R. K. Narayan’s Malgudi Days, featuring a talkative freelance journalist who ends up with a British statue stuck in his doorway. Set in post-independence India, the story explores themes of patriotism, absurdity, and unintended consequences through sharp wit and brilliant storytelling. 'एक बातूनी आदमी अपने दोस्तों को बताता है कि केवल एक फ्रीलांस पत्रकार होते हुए भी उसने मालगुडी में न्यू एक्सटेंशन में एक घर में कैसे लिया था। यह कहानी भारत को स्वतंत्रता मिलने के ठीक बाद की है। एक कंबल बेचने वाला, जो आज़ादी से पहले अंग्रेजों को कंबल बेचा करता था, वह आज चुनाव जीतकर नगर पालिका का अध्यक्ष बन गया है। चुनाव जीतने के बाद, वह अध्यक्ष ऐसी चीज़ें करना चाहता है जिससे उसका पश्चाताप पूरा हो। उसकी यह इच्छा बहुत सी रोकांचक घटनाओं को जन्म देती है। साथ ही, वह 'सर फ्रेडरिक' नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की प्रतिमा मालगुड़ी से हटाने के लिए भी कुछ करना चाहता है। धीरे-धीरे, जब, प्रतिमा को गिराने के सारे उपाय असफल होने लगते हैं, वह बातूनी आदमी सुझाव देता है कि अगर मुफ्त में दे दी जाए, तो वह उस प्रतीमा को अपने साथ ले जाएगा।' लेखक आर. के. नारायण “मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
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[Hindi] - Kulhadi - Malgudi Days by R. K. Narayan: कुल्हाड़ी - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"Kulhadi - Malgudi Days by R. K. Narayan – कुल्हाड़ी - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण“Kulhadi” is a touching Hindi audiobook story from R. K. Narayan’s Malgudi Days, where a poor gardener named Velan witnesses fate, prophecy, and time shape his life around a grand bungalow. A tale of struggle, destiny, and silent resilience — perfect for listeners who love reflective and emotional stories with deeper meaning. 'एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि वेलन एक तीन-मंज़िला घर में रहेगा। वेलन अपने गाँव के सबसे गरीब परिवार से था। 18 साल की उम्र में सबके सामने अपने पिता से थप्पड़ खाने के बाद उसने गाँव छोड़ दिया। कुछ दिनों तक भीख मांगने के बाद, एक बूढ़े व्यक्ति ने उसे माली की नौकरी दी। उस व्यक्ति ने अपनी बड़ी सी ज़मीन पर एक तीन-मंज़िला बंगला बनवाया था। लेकिन वेलन, बंगले के पास की झोपड़ी में रहता था। बंगले के निर्माण से प्रभावित, वह एक मार्गोसा के तने को पकड़ता है और उसे जल्दी-जल्दी बंगले के समान उगने के लिए कहता है। मार्गोसा अच्छे से विकसित होता है। उसके मालिक के पोते पेड़ के नीचे खेलते हैं और सैकड़ों पक्षी उस पर रहते हैं। एक दिन वेलन के मालिक की मृत्यु हो जाती है। फिर कुछ वर्षों तक घर में परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं, और एक दिन वे भी घर की चाबियां वेलन को देकर चले जाते हैं। कुछ साल बाद, एक आदमी आकर कहता है कि उसने वह ज़मीन खरीद ली है और अब वह वहां पर तोड़-फोड़ शुरू करने वाला है। लेखक आर. के. नारायण“मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
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[Hindi] - Sarp Raag - Malgudi Days by R. K. Narayan: सर्प राग - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"Sarp Raag - Malgudi Days by R. K. Narayan – सर्प राग - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण'Sarp Raag' is a gripping tale from R. K. Narayan’s Malgudi Days, where a once-promising flutist shares his haunting past. After disrespecting a saint who interrupted his musical practice, he is cursed to lose his talent forever. This Hindi audiobook unfolds themes of arrogance, divine wrath, and the fragility of artistic ego — told with a blend of mysticism and emotion that defines Malgudi's storytelling charm. 'एक दिन एक लड़की अपने परिवार के साथ एक संगीत समारोह के लिए गयी थी जहाँ उसे एक बेहद बातूनी आदमी मिला। वह आदमी उस परिवार को अपने अतीत और अपने संगीत के बारे में बताने के लिए उत्सुक था। वह उन्हें बताने लगा कि एक समय था जब वह भी संगीत सीखता था, और वह इतना अच्छा था कि उसके शिक्षक भी उसे दर्शकों के सामने गवाना चाहते थे। एक रात वह रोज़ की ही तरह अपने संगीत के अभ्यास में मग्न था कि तभी एक साधु ने भिक्षा माँगते हुए उसका दरवाज़ा खटखटाया। पर उसने ध्यान नहीं दिया और अपना अभ्यास करता रहा। लेकिन साधू के लगातार दरवाज़ा खटखटाने उसके अभ्यास में रुकावट आ रही थी, जिससे वह गुस्सा हो गया और दरवाज़ा खोलकर उस साधू खरी खोटी सुनाने लगा. उसने साधू भिक्षा देने से भी इंकार कर दिया। उसका ऐसा बर्ताव देखकर साधू ने उसे श्राप दिया कि यह रात उसके संगीत की आखरी रात होगी और अगले दिन उसे अपनी बांसुरी मुट्ठी के भाव बेचनी पड़ेगी।“ लेखक आर. के. नारायण “मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।"
R. K. Narayan (Author), R. K. Narayan (Narrator)
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